तुलसी का पौधा हिन्दू परम्परा के हिसाब से एक पूजनीय पौधा है, यह पौधा बहुत ही पवित्र है लोग इसकी पूजा करते है माना जाता है की तुलसी में लक्समी का वास होता है और लक्ष्मी जी विष्णुं भगवन की पत्नी है, परम्परागत तोर पर तुलसी को पहले आँगन के बीचो बिच लगाते है, इस पौधे की खेती धार्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति और पूर्ति के लिए होती है ।(tulsi aur uske 8 prakar)
वेदों में तुलसी को वैष्णवी यानी विष्णु से संभंधित, विष्णु वल्लभ यानी विष्णु भगवान् की प्रिय, विष्णु भगवन का प्रिय रूप तुलसी के मानी जाती है । हरे पतियों वाली तुलसी को लक्ष्मी तुलसी कहते है या भाग्य, तुलसी भी कहते है ।
तुलसी का एक रूप राम तुलसी भी होता है खा जाता है की राम जी भी विष्णु जी के ही अवतार है, बैंगनी या गहरे हरे रंग के पतों वाली तुलसी को श्यामा तुलसी या गहरा तुलसी कहते है इसे क्रिसन तुलसी भी कहते है। कृष्ण जी भी तुलसी का ही अवतार है यह क़ीस्म कृष्ण जी के लिए आधी पवित्र मानी जाती है क्योकि यह किस्म कृष्ण जी के लिए अधिक प्रिय है। कहा जाता है की भजवान विशु का रंग सावला है इसी कारण से वोह बैंगनी रंग की तुलसी उनको अभिक प्रिय है कुकी वोह रंग उनके रंग से मिला जुलता है।
देवी लक्ष्मी भी तुलसी के समान हैं और इसलिए इसे लक्ष्मी प्रिय के नाम से भी जाना जाता है; तुलसी की पहचान विष्णु के अन्य अवतारों से है ।(tulsi aur uske 8 prakar)
तुलसी की कितनी किस्मे होती है-
काली तुलसी
वन तुलसी
जंगली तुलसी
श्यामा तुलसी
होली बेसिल
फ्रैंच बेसिअल कपूर तुलसी
लेमन बेसिल
स्वीट बेसिल
(tulsi aur uske 8 prakar) तुलसी और तुलसी के प्रकार
तुलसी का पौधा कैसे लगाया जाता है?
तुलसी का पौधा लगाने के लिए सबसे पहले एक गमला ले।
गमले को निचे से थोड़ा सा काट दे जिसे पौधे की मिटी और जड़ो को थोड़ी ऑक्सीजन मिलती रहे।
गमले में मिटी को डाले फिर उसमें 0.5 कम की गहराई में तुलसी के बीज जिसे मंजीर कहते है उन्हें डाले।
बीज डालने के बाद गमले की मिटटी को सूखने ना दे।
उसमें निरंतर पानी डालते रहे आप पौधे को कही भी रख सकते हो बस उस पौधे को आवश्यक हवा और पर्याप्त मात्रा में धुप मिलनी चाहिए।
(tulsi aur uske 8 prakar)
तुलसी का पौधा घर में लगाने का महत्व –
तुलसी का पौधा घर में लगाने से नाकारात्मक ऊर्जा, और बुरी नज़र घर से दूर रहती है, घर में सदा सकतरमक ऊर्जा का वास होता है।
मन जाता कुछ लोगो की कुंडली में दोष को भी यह ठीक कर देता है मात्र तुलसी का पौधा लगाने से
तुलसी का पौधा घर में लगाने के लिए कुछ नियमो का पालन करना चाइये जैसे की पौधे को साफ़ सुथरी जगह पर रखना चाहिए और उसके आस पास गंदगी नहीं रखनी चाहिए वास्तु की दृस्टि से तुलसी को घर की सही दिशा में लगाने से घर में शांति बानी रहती है
तुलसी के पौधे को केवल देखने मात्र के लिए ही नहीं बल्कि उसका प्रयोग आप किचन में भी कर सकते है , तुलसी की पतियों को बीमारी में के समय में भी इस्तेमाल कर सकते है उनका काढ़ा बनाया जा सकता है।
आयुर्वेद के हिसाब से यह एक औषधि है इसे बीमारी के आलावा और भी चीज़ो में प्रयोग करते है जैसे – तुलसी का फेस पैक, फेस स्क्रब, फेस वाश, और भी बहुत से सौन्दर्य प्रोडक्ट बनाये जाते है।(tulsi aur uske 8 prakar)
(tulsi aur uske 8 prakar) तुलसी और तुलसी के प्रकार
तुलसी के फायदे और नुक्सान
फायदे
1) तुलसी के प्रयोग से आप वजन को कर सकते है-
साइंस के हिसाब से तुलसी के रस को अगर दिन में 2 बार पानी के साथ ले तो वजन कम होता हुआ दिखाई देगा, इसे शरीर में इन्सुलिन को भी नियंत्रित रखता है , तुलसी के रस को यदि पानी में मिला कर ले थो वो शरीर के गंदे टॉक्सिन बहार निकलते है।
2) तुलसी से शरीर में खून की कमी भी पूरी होती है-
कहते है की जब शरीर में खून की कमी होती है तो अनार खाने से या उसका जूस पिने से शरीर में खून बने लगता है पर ऐसा नहीं है, अगर आप तुलसी को रोज आपने भोजन में नियमित रूप से ले तो आपके शरीर में खून की कभी भी कमी नहीं होगी। तुलसी में (Zinc) जिंक की भारी मात्रा पाई जाती है जो शरीर में खून की कमी को पूरा करने में पूरी सहयता करती है।
3) बालो के लिए लाभकारी होता है-
तुलसी में औषिधीय गुण होते है, यह हमारी बालो की जड़ो को मजबूत बनता है, इससे बालो में चमक आतीं है और बालो का झड़ना रोक देती है।
4) आखो के लिए तुलसी के फायदे-
(conjunctivitis) आँख आना या आँख में जलन होना इन सभी समस्याओ में तुलसी बहुत अधिक गुणकारी है, आखो की ऐसी समस्या के लिए तुलसी के पते बहुत कारगर होते है।
5) तनाव कम करने में सहयता करता है-
तुलसी में ऐसे गुण होते है जो मनुष्य की एकाग्रता बनाये रखने में उसकी साहयता करती है। आज के दौर में तनाव की समस्या ज्यादा हो गई है लोगो के जीवन में काम ,बच्चो के जीवन में पढाई की समस्या और लोग को बहुत सी समस्या से ग्रस्त है ऐसे में अगर आप तुलसी का सेवन करते है तो यह आपके लिए बहुत ाचा होगा । लोगो को अपने तनाव को कम करने के लिए दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है और उनके बहुत से नकारात्मक प्रभाव भी होते है , तुलसी के सेवन का कोई नुकसान भी नहीं है बल्कि बहुत से फायदे भी है यह आपकी त्वचा, बालो, मोटापा कम करने जैसी बहुत सी चीज़ो में मदत करता है।
नुक्सान
1) तुलसी खून को पतला करने का काम करती है-
जो लोग खून पतला करने की दवाई लेते है, वो तुलसी का सेवन ना करे नहीं थो उनके सवस्ते पर नकतरामक प्रभाव पड़ सकता है।
2)तुलसी को कभी भी दातो से चबा चबा कर नहीं खान चाहिए –
तुलसी को कभी भी दातो से चबा चबा कर नहीं खाना चाहिए, इसे डाट खराब हो जाते है , दातो में पारिया जैसी बीमारी लग जाती है।
3) तासीर का गर्म होना-
तासीर के गर्म होने के कारण लोग इन्हे सर्दियों में ज्यादा इस्तेमाल कर लेते है जोकि नुकसान देह भी साबित हो सकता है, इसे पेट में जलन जैसी दिक्क्ते भी पैदा हो सकती है। इसलिए जब भी तुलसी का का इस्तेमाल करे तो उसकी सही मात्रा का ध्यान रखना चाहिए।
4) महुमेह से ग्रस्त लोगो को तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए अगर वो दवाई भी खा रहे है तो क्योकि आप अगर दवाई भी खा रहे हो और तुलसी का भी सेवन कर रहे हो तो इसे आपका मधुमेह का स्तर कम होने का भी भय रहता है।
तुलसी की उपब्धता और कुछ अन्य महत्व(tulsi aur uske prakar)
आयुर्वेद के अंदर, तुलसी को “असाधारण एक,” “प्रकृति की माँ दवा” और “मसालों का प्रभुत्व” के रूप में जाना जाता है और इसे “जीवन के मिश्रण” के रूप में पूजा जाता है जो वास्तव में इसके दो पुनर्स्थापनात्मक और अन्य गुणों के लिए अविश्वसनीय है।
भारत के अंदर, तुलसी को गहन समारोहों और जीवन शैली के पूर्वाभ्यास में शामिल किया गया है जो चिकित्सा लाभों का एक बड़ा समूह प्रदान करता है जो कि वर्तमान विज्ञान द्वारा पुष्टि की जाने लगी है। तुलसी पर यह उत्पन्न होने वाला विज्ञान, जो पुरानी आयुर्वेदिक अंतर्दृष्टि का निर्माण करता है, का प्रस्ताव है कि तुलसी शरीर, मानसिकऔर आत्मा के लिए एक टॉनिक है जो कुछ वर्तमान चिकित्सा स्थितियों के लिए उत्तर प्रदान करता है। तुलसी स्वास्थ्य से निपटने के लिए आयुर्वेद के संपूर्ण जीवन पद्धति के सबसे आश्चर्यजनक उदाहरणों में से एक है। तुलसी का स्वाद गर्म और तीखा होता है और कहा जाता है कि यह गहरे ऊतकों में प्रवेश करती है, शुष्क ऊतक निर्वहन(dry tissue discharge) करती है और कफ और वात को मानकीकृत (standardized)करती है। कहा जाता है कि तुलसी का दैनिक उपयोग बीमारी को रोकता है, सामान्य भलाई, समृद्धि और जीवन काल को आगे बढ़ाता है और दिन-प्रतिदिन के अस्तित्व के बोझ को प्रबंधित करने में मदद करता है। इसी तरह तुलसी को रचना को चमक देने, आवाज को सुखद बनाने और उत्कृष्टता, ज्ञान, धीरज और एक शांत गहन स्वभाव(Excellence, wisdom, endurance and a calm intense disposition) की खेती करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।
इन कल्याणकारी गुणों के बावजूद, तुलसी को उपचार के रूप में सुझाया गया है बेचैनी, हैक, अस्थमा, ढीली आंत, बुखार, दस्त, जोड़ों में सूजन, आंखों की बीमारी, ओटलगिया, नाराज़गी, हिचकी, उल्टी, गैस्ट्रिक, हृदय, पीठ दर्द, त्वचा की बीमारियों, दाद, बग, सांप सहित स्थितियों का एक दायरा और बिच्छू चॉम्प्स और मलेरिया(Conditions including restlessness, hack, asthma, loose bowel, fever, diarrhea, swollen joints, eye disease, otalgia, heartburn, hiccups, vomiting, gastric, heart and urogenital problems, back pain, skin ailments, ringworm, bug, snakebite A Realm Of And Scorpion Chomps And Malaria) भी।
एक गहन अनुकूलन के रूप में माना जाता है, तुलसी में औषधीय गतिविधियों का एक असाधारण मिश्रण है जो समृद्धि और लचीलेपन को आगे बढ़ाता है। जबकि एक “एडेप्टोजेन”(adaptogen) या मसाले का विचार जो होमोस्टैसिस को धक्का देने और प्रगति में सहायता करता है, का व्यापक रूप से पश्चिमी चिकित्सा में उपयोग नहीं किया जाता है, पश्चिमी विज्ञान ने यह खुलासा किया है कि तुलसी में निश्चित रूप से कई औषधीय गतिविधियां हैं जो इस कारण को संतुष्ट करती हैं। तुलसी के पुनरोद्धार गुणों को इन विट्रो, प्राणी और मानव विश्लेषणों को याद करते हुए कई तार्किक परीक्षाओं में केंद्रित किया गया है।(Tulsi’s revitalizing properties have been focused in many logical examinations recalling in vitro, animal and human analyses)इन जांचों से पता चलता है कि तुलसी में गतिविधियों का एक नया मिश्रण है जिसमें शामिल हैं: रोगाणुरोधी (जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, एंटिफंगल, एंटीप्रोटोजोअल, मलेरिया-रोधी, कृमिनाशक), मच्छर भगाने वाले, मेजबान।(tulsi aur uske 8 prakar)
(tulsi aur uske 8 prakar) तुलसी और तुलसी के प्रकार
तुलसी की अलग प्रकार की किस्मे (ओसीमम बेसिलिकम की खेती)
मीठी तुलसी, जेनोविस तुलसी, महान तुलसी
तुलसी ‘स्वीट जेनोविस’ को सुगंधित तुलसी की सबसे अच्छी किस्मों में से एक माना जाता है, इसकी मीठी-स्वाद वाली पत्तियों और मुलायम बनावट के लिए सराहना की जाती है। घर के अंदर ग्रीनहाउस या गर्म खिड़की पर बीज बोएं, और गर्मियों में पौधों को बाहर ले जाएं।
(tulsi aur uske 8 prakar)
लेटस पत्ता तुलसी
पत्तियाँ इतनी बड़ी होती हैं कि कभी-कभी उन्हें सलाद में भी प्रयोग किया जाता है।
विशाल तुलसी
एक और बड़ी पत्ती वाली किस्म, मीठे जेनोविस की तुलना में मजबूत स्वाद।
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