कृषि  क्या है और कृषि के प्रकार ,10 प्रकार की कृषि

krishi kya hai aur krishi ke prakar ,10prakar ki krishi

कृषि क्या है और कृषि कितने प्रकार की होती है?

(krishi kya hai aur krishi ke prakar , 10 prakar ki krishi)कृषि भारत के लोगो के लिए बहुत जरुरी है, जैसे लोगो के  लिए कपडे, माकन, पानी जरुरी है वैसे ही कृषि की भी उतनी ही महत्वपूर्ण  है| कृषि पुरे भारत  को प्रभावित करती है भारत में कुछ प्रतिशत लोग कृषि पैर निर्भर रहते है और उनके पास आये के साधन  के रूप में कृषि है | कृषि की मदद से हमें कपास, फल और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुए भी मिलती है| ऐसे ही आगे हम कुछ कृषि के प्रकार(krishi ke prakar) के बारें में पढ़ेंगे-

कृषि का इतिहास हजारों साल पहले शुरू हुआ था। कम से कम 105,000 साल पहले जंगली अनाज इकट्ठा करने के बाद, नवजात किसानों ने लगभग 11,500 साल पहले उन्हें बोना शुरू किया। सूअर, भेड़ और मवेशियों को 10,000 साल पहले पालतू बनाया गया था। कृषि या खेती पौधों और पशुओं की खेती का अभ्यास है। कृषि गतिहीन मानव सभ्यता के उदय में महत्वपूर्ण विकास था, जिससे पालतू प्रजातियों की खेती ने खाद्य अधिशेष पैदा किया जिससे लोगों को शहरों में रहने में मदद मिली। दुनिया के कम से कम 11 क्षेत्रों में पौधों की स्वतंत्र रूप से खेती की जाती थी। बीसवीं शताब्दी में बड़े पैमाने पर मोनोकल्चर पर आधारित औद्योगिक कृषि कृषि उत्पादन पर हावी हो गई, हालांकि लगभग200 करोड़ से ज्यादा लोग कृषि पर निर्भर है।

भरतीय सब्यता की  शुरुआत कृषि से हुई, और हालांकि इससे मनुष्य के जीवन  में काफी बदलाव आया है, इसी कारण से भी कृषि बहुत महत्वपूर्ण है। भारत में कृषि बहुत महत्वपूर्ण  मानी जाती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि दुनिया का हर देश किसी न किसी चीज के लिए कृषि पर निर्भर है।

कृषि को महत्वपूर्ण है

यहां  हमनें कुछ कारण बताए गए हैं कि कृषि क्यों महत्वपूर्ण है:

कृषि कच्चे माल का मुख्य स्रोत है कई कच्चे माल, चाहे वह कपास, चीनी, लकड़ी या ताड़ का तेल हो, कृषि से आता है। ये सामग्रियां प्रमुख उद्योगों के लिए उन तरीकों से आवश्यक हैं, जिनके बारे में बहुत से लोगों को पता भी नहीं है, जैसे कि डीजल ईंधन, प्लास्टिक,फार्मास्यूटिकल्स और बहुत कुछ। वास्तव में, उत्पादन में कच्चा माल इतना महत्वपूर्ण होता है कि किसी देश का आर्थिक स्वास्थ्य इस बात पर निर्भर करता है कि उसके पास कितने कच्चे माल हैं और उनकी गुणवत्ता का ।

यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए महत्वपूर्ण है कृषि से कच्चे माल का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारोबार का एक बड़ा हिस्सा है। बड़ी मात्रा में  जिन  देशो में कच्चे माल की कमी है  उन्हें  निर्यात करते हैं और उन सामग्रियों के लिए व्यापार करते हैं जो उनके पास नहीं हैं। यदि किसी देश की कृषि को किसी कारण से नुकसान होता है, तो कीमतें बढ़ सकती हैं और यह व्यापार को बढ़ाने में मदद करती है।  आज के समय में  भारत आयात और निर्यात दोनों के लिए दुनिया में कृषि उत्पादों का पहला व्यापारी है।

यह एक राष्ट्र के राज्य की आय  में  बड़ी भूमिका निभाता है व्यापार की बात करें तो विकासशील देश अभी भी अपनी अधिकांश राष्ट्रीय आय कृषि  के निर्यात से प्राप्त करते हैं। जबकि विकसित देश कृषि पर उतना निर्भर नहीं हैं जितना वे  पहले हुआ करते थे, अगर सभी निर्यात अचानक से बंद हो गए तो उनकी अर्थव्यवस्था पर जरूर प्रभाव पड़ेगा ।

कृषि  रोजगार प्रदान करती  है,  कृषि उद्योग अभी भी रोजगार का  सबसे बड़ा कारण में से एक है और कई क्षेत्रों में यह वास्तव में फलफूल रहा है। चाहे वह किसान के रूप में काम कर रहा हो, हार्वेस्टर के रूप में, कृषि उपकरण के लिए तकनीशियन, वैज्ञानिक आदि, इस क्षेत्र में बहुत सारी नौकरियां उपलब्ध हैं। विकासशील देशों में, कृषि नौकरियां बेरोजगारी को कम करने में मदद करती हैं। जब गरीबी कम करने की बात आती है, तो सबूत बताते हैं कि कृषि पर ध्यान देने की बजाये दूसरी चीज़ पर पैसे खर्च करना ज्यादा पसंद करते है|

कृषि देश के आर्थिक विकास से जुडी हुई है , जब व्यापार, राज्य की आय और रोजगार दोनों  को सकारात्मक तरीके से जोड़ा जाता है, तो एक देश में गरीबी कम हो जाती है और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है। क्योंकि अच्छी कृषि से काफी जल्दी लाभ होता है, इस पर ध्यान देना  विकास को भड़ाने और किसी देश की अर्थव्यवस्था को सुधरने के लिए जरुरी है |

पर्यावरण को स्वस्थ बनाये रखने  में कृषि का बहुत बड़ा हाथ है । जब किसान अपनी भूमि पर अधिक स्वस्थ मिट्टी, कम कटाव, बेहतर जल संरक्षण और स्वस्थ और  उच्च  कोटि की सामग्रियों का इस्तेमाल करते है थो वो पर्यावरण के लिए अच्छी खबर है, जिससे कृषि जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है।

यह हमारी खाद्य आपूर्ति का स्रोत है यकीनन कृषि का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह दुनिया की खाद्य आपूर्ति का स्रोत है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां या क्या खा रहे हैं, आपके भोजन में सामग्री कहाँ से आई है। सभी सड़कें कृषि की ओर ले जाती हैं। खाद्य असुरक्षा और गंभीर कुपोषण से जूझ रहे देशों में, ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके कृषि क्षेत्र पीड़ित हैं। जब कृषि फलती-फूलती है, तो कम लोग भूखे रहते हैं।

देश की भलाई के लिए स्वस्थ कृषि बहुत आवश्यक है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन सॉफ्टवेयर, जीन हेरफेर, और बहुत कुछ के माध्यम से, वैज्ञानिक और किसान फसल उत्पादकता बढ़ाने, कम पानी का उपयोग करने और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभावों को कम करने के तरीके खोज रहे हैं। वैज्ञानिकों और तकनीकी कंपनियों के लिए, कृषि व्यवसाय काम करने के लिए सबसे आकर्षक और उत्पादक क्षेत्रों में से एक है।

कृषि की स्थिति हमारे भविष्य को दर्शाती है जब प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की बात आती है, तो पर्यावरण और कृषि को सबसे तेज और सबसे स्पष्ट परिणाम भुगतने पड़ते हैं। यदि प्रभावी परिवर्तन नहीं किए जाते हैं, तो कृषि पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर देगा और अंततः खाद्य आपूर्ति को मिटा देगा। जब हम किसी

कृषि के प्रकार लिखिए (krishi ke prakar)-

स्थानांतरण कृषि

बागाती कृषि

गहनभरण कृषि

भूमध्यसागरीय कृषि

व्यापारिक कृषि

मिश्रित खेती

फलो व सब्जियों की कृषि

शुष्क कृषि

सहकारी कृषि

विस्तृत कृषि

अब यह हम ऊपर दिए गए सभी कृषि के प्रकार(krishi ke prakar) को संक्षिप्त में लिखेंगे- 

krishi ke prakar

स्थानांतरण कृषि किसे कहते हैं ?

इस कृषि के अंतर्गत कृषक अपना कृषि क्षेत्र बदलते रखते  है। वो वनों को काटकर तथा झाड़ियों को जलाकर छोटे से भूखंड( भूमि  का टुकड़ा) को साफ कर हल या अन्य किसी अन्य किसी औजार द्वारा खोदकर उसमें बीज बो दिया जाता है। इस कृषि में मोटे अनाज जैसे – मक्का, ज्वार, बाजरा आदि उत्पन्न किए जाते हैं। जिन्हें स्थानांतरण कृषि कहा जाता है।

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बागती कृषि किसे कहते है ?

बहुत सारे देशो में बागानों में विभिन्न प्रकार की कृषि की जाती है जैसे- रबड़, चाय , केला आदि | इस प्रकार की कृषि को समशीतोष्ण कटिबंधीय देशो  में किया जाता है| यह कृषि फर्मो और बागानों में की जाती है| इस प्रकार की कृषि को करने में  बहुत सावधानी बरतने पड़ती है और इन्हे फर्मो और बागानों में करते है। ज्यादातर कम्पनिया इन् सभी खाद्य पदार्थो को बहार बेच कर बहुत मुनाफा कमाते है। 

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 गहनभरण कृषि किसे कहते है ?

यह कृषि उन देशों में विकसित हुई है। जहां उपजाऊ भूमि की कमी तथा जन आधिक्य पाया जाता है। अधिकांश मानसूनी देशों में यह कृषि की जाती है। 4. भूमध्यसागरीय कृषि :- इस कृषि का विस्तार भूमध्यसागरीय जलवायु प्रदेशों में हुआ है। यहां पर शीतकाल में वर्षा होती है तथा ग्रीष्म काल शुष्क रहता है। इस जलवायु की सबसे बड़ी विशेषता यह है की यहाँ दो प्रकार की फसलें उगाई जाती है।

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व्यापारिक कृषि किसे कहते है ?

व्यापारिक कृषि को करने के पीछे यह उदेश्य होता है की उसकी मदद से व्यापर को बढ़ावा मिले, इस प्रकार की कृषि को बहुत काम जनसंख्या वाले देशो में की जाती  है जैसे- अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया,  कनाडा,  रूस आदि देशो में की जाती है। इस प्रकार की कृषि को करने के लिए बहुत बड़े क्षेत्र की आवश्यकता होती है। इस कृषि को करने के लिए ाचे बीज, खाद व् उर्वरको की आवश्यकता होती है। इस प्रकार की कृषि में मशीनों की आवशयकता होती है। इस कृषि का सबसे ाचा और बड़ा उद्धरण – गेहू है।

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मिश्रित खेती किसे कहते है ?

मिश्रित खेती में कृषि कार्यों के साथ-साथ पशुपालन व्यवसाय भी किया जाता है, यहां पर कुछ फसलों का उत्पादन मानव के लिए तथा कुछ का उत्पादन पशुओं के लिए किया जाता है। इन प्रदेशों में चौपाये, भेड़, बैल, बकरियां, गधे आदि भी पाए जाते हैं। इस प्रकार कि की जाने वाली कृषि को हम मिश्रित खेती करते हैं।

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फलो व सब्जियों की कृषि किसे कहते है?

गांव व् नगरों में फलो और सब्जियों का उत्पादन बहुत ज्यादा होता है, ज्यादातर जगहों पर फलो व सब्जियों का उत्पादन ही रोजगार का मुख्य स्त्रोत है। साधनों की सुविधा के आधार पर इस कृषि का विकास हुआ है। कैलिफोर्निया घाटी, फ्लोरिडा, अंध महासागर के तटीय प्रदेशों में यह कृषि की जाती है।

 

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शुष्क कृषि किसे कहते है ?

यह कृषि पूर्णता वर्षा पर निर्भर रहती है। देश की कुल कृषि भूमि के 70% भाग पर या कृषि की जाती है। इन स्थानों में दालें, तिलहन, मूंगफली, ज्वार, बाजरा और मक्के की कृषि की जाती है। शुष्क प्रदेशों में शुष्क कृषि तकनीक को अपनाते हुए कृषि की जाती है जो निम्नानुसार है। इस  प्रकार की  कृषि को करने के लिए वर्षा का जल एकत्रित किया जाता है जिससे खेतो को ाचा जल प्राप्त हो सके।

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 सहकारी कृषि किसे कहते है ?

सहकारी कृषि वह कृषि होती है जब छोटे छोटे किसान मिल कर एक बड़ा फार्म बना लेते है। वोह लोग मिल कर बहुत मेहनत और लगन से काम करते है इसी प्रोत्साहन को भारत में सबसे ज्यादा सराय जाता है। 

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विस्तृत कृषि किसे कहते है ?

इस प्रकार की कृषि को करने के लिए बहुत अधिक श्रम की आवश्यक होती है। जैसे कुछ कृषि में मशीनों की आवश्यकता होती है वैसे ही विस्तृत कृषि में श्रम की आवश्यकता होती है। 

 

  • यहाँ हमारे (krishi ke prakar) ख़तम होते है।

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