टमाटर की खेती कैसे और कब करें | Tamatar Ki Kheti in Hindi

टमाटर की खेती कैसे और कब करें | Tamatar Ki Kheti in Hindi

टमाटर की खेती – पूरी जानकारी हिंदी में

Tamatar Ki Kheti in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज इस लेख के माध्यम से जानेंगे की टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) कैसे करते है, और कब की जाती है| जैसा की आप सभी जानते है टमाटर पूरी दुनिया में सबसे अधिक खायी जाने वाली सब्जी है, जिसे कोई भी सब्जी जैसे आलू, प्याज आदि के बाद इस्तेमाल में लाया जाता है| (Tamatar Ki Kheti) टमाटर का इस्तेमाल हर सब्जी में किया जाता है इसके अलावा उसे सलाद में भी इस्तेमाल किया जाता है, इसे आप पकाकर भी खा सकते है और बिना पकाये भी खा सकते है|

टमाटर की फसल (Tamatar Ki Kheti) साल में कभी भी की जा सकती है, इसकी खेती हर मौसम में की जाती है. टमाटर का सेवन मानव शरीर के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि टमाटर से शरीर के अंदर कई तरह के पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन सी मौजूद होते हैं| साथ ही इसका चेहरे पर भी प्रयोग कर सकते है, चेहरे पर प्रयोग करने से चेहरे पर ग्लो आती है, और चेहरे की छाया दूर होती है|

टमाटर का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है, सब्जियों और सलाद के अलावा टमाटर का उपयोग सॉस (चटनी) बनाने के लिए भी किया जाता है। बिजनेस करके आप अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं।

वैसे तो टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) साल भर की जा सकती है लेकिन ठंड के मौसम में इस पर विशेष ध्यान देना होता है क्योंकि सर्दियों के मौसम में पाला गिरने से इसकी फसल खराब हो जाती है।

इसके अलावा भी कई बातों का विशेष ध्यान रखना होता है जैसे- टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) के लिए मानक तापमान, टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) के लिए उपयुक्त मिट्टी (दोमट मिट्टी) की आवश्यकता होती है। अगर आप भी टमाटर की खेती करना चाहते हैं तो यहां टमाटर की खेती कैसे करें? इसकी जानकारी दी जा रही है।

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टमाटर की खेती के लिए जरूरी मिट्टी | Tamatar Ki Kheti

टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) के लिए जल निकास वाली उपयुक्त मिट्टी (दोमट मिट्टी) का होना आवश्यक है। दोमट मिट्टी के अतिरिक्त इसकी खेती आसानी से की जा सकती है। लेकिन मिट्टी में पोषक तत्वों की उचित मात्रा होनी चाहिए और पी.एच. मान भी 6-7 के बीच होना चाहिए।

ऐसी भूमि पर खेती करना उचित नहीं है जहाँ जल भराव अधिक हो, क्योंकि ऐसे स्थानों पर पानी भर जाने से फसल में अनेक प्रकार के रोग लग जाते हैं। टमाटर के पौधे जमीन से सटे होते हैं और अगर जमीन में पानी भरा हो तो इसके फल भी खराब हो जाते हैं। इसलिए सही जमीन का होना भी जरूरी है।

टमाटर की खेती कैसे और कब करें | Tamatar Ki Kheti in Hindi

टमाटर की खेती के लिए जरूरी जलवायु और तापमान | Tamatar Ki Kheti

टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) के लिए किसी विशेष भूमि और किसी विशेष जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है, इसकी खेती किसी भी स्थान पर की जा सकती है. लेकिन सर्दियों के मौसम में पड़ने वाली ओस इसकी खेती के लिए हानिकारक होती है। एक आदर्श मौसम इसके लिए सबसे उपयुक्त होता है।

टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) में तापमान का बहुत महत्व होता है, क्योंकि टमाटर के बीजों के अंकुरण के लिए आमतौर पर 20 – 25 डिग्री तापमान पौधे के विकास के लिए अच्छा माना जाता है। जब टमाटर का पौधा विकसित होता है तो इसके पौधे में फूल खिलते हैं, इन फूलों को परागकण और निषेचन के लिए अधिकतम तापमान 30 डिग्री और न्यूनतम 18 डिग्री की आवश्यकता होती है।

तापमान 38 डिग्री से अधिक होने पर फल और फूल दोनों के गिरने की संभावना रहती है, टमाटर को लाल रंग पाने के लिए लगभग 21-24 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है।

टमाटर की विकसित किस्में | Varieties of Tomatoes

आज कल किसानों में टमाटर की कई बदहाली देखने को मिल जाती है | (Tamatar Ki Kheti) टमाटर की ये हालत अलग – अलग वातावरण और वज्रपात के होश से तैयार हो गई है | बाजार में कुछ ऐसी भी छँटाई (हाइब्रिड) त्रुटियाँ मौजूद हैं, वास्तव में कृषक उपयोग कर अधिक व्‍यापक करते हैं टमाटर (Tamatar Ki Kheti) की ऐसी ही कुछ समझ (किस्में) है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है:-

गोल्डन न्यू वैरायटी टमाटर: यह टमाटर की ऐसी विकसित किस्म है जिसमें लगाने के 60 से 65 दिनों में फल तुड़ जाते हैं। टमाटर का यह क़िस्म लाल रंग के आकार में बड़ा होता है | इस क़िस्म के टमाटर का व्यास 600 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से भी अधिक हो सकता है | यह सूक्ष्म घाव रोग (Scorching Disease) की क्षमता रखता है | यह सर्दी और बारिश जैसे मौसम में भी आसानी से उपजाए जा सकता है

गोल्डन जि़मा किस्म वाले संयंत्र: इस क़िस्म के सिद्धांतों का एक ही सीज़न में प्रत्यारोपण किया जाता है इसमें टमाटर गहरे लाल रंग के और आकार में दिखाई देता है यह 700 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का एक-एक करके लगभग एक घन है टमाटर की इस क़िस्म में मुरझा रोग नहीं लगता|

पूसा शीतल बिस्कुट वाले संयंत्र: 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के पैकेज वाले यह टमाटर की किस्म अत्यधिक ठण्ड वाले राज्यों के लिए तैयार की जाती है, इसकी खेती पर्वतीय क्षेत्रों में की जाती है| इस किस्म के फल लाल रंग के और आकार में चपटे होते हैं।

पंजाब छुहारा क़िस्म के टमाटर: टमाटर की यह क़िस्म चाहत के लिए कृषि विश्वविद्यालय में तैयार की गई है | सावन की यह किस्म तैयार होने में 90 दिन का समय लेती है | टमाटर के आकार में यह बहुत छोटा होता है | इसे देखने में लाल व पीले रंग के होते हैं गर्मी का मौसम जिसे देखने के लिए इसे अच्छा माना जाता है

टमाटर की काशी अमन किस्म: टमाटर की यह किस्म पर्ण रोग के लिए उपयुक्त नहीं है| इसकी फसल को तैयार होने में 80 से 90 दिन का समय लगता है और इसकी भविष्यवाणी 500 से 600 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।

स्वर्ण समृद्धि क़िस्म: किसी वर्ष वर्षा के मौसम से पहले बढ़ने वाला यह एक छटाई वाला क़िस्म है, इसे खेत में लगाने के बाद यह 55 से 60 दिन में तैयार हो जाता है | यह कम समय में अधिक अनुमान वाला क़िस्म है जो कि तक़रीबन 1000 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादकता पैदा करता है। इसमें फल ठोस व लाल रंग का होता है |

स्वर्ण सम्पदा क़िस्म के संयोजी: यह भी एक तरह की छँटाई क़िस्म के संयोजी होती है जो कि वर्षा के मौसम से पहले उठती है, यह फल लाल, बड़े और असरदार होता है। इस क़िस्म के परमाणु अंग और जख्मी नमक रोग से मुक्त रहते हैं | यह 1000 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का व्यास वाला एक एक करके है |

काशी अभिमान क़िस्म के टमाटर: यह टमाटर की एक छँटाई क़िस्म है, इसकी सफलता को तैयार होने में 70 से 80 दिन का समय लगता है | इसमें प्रति हेक्टेयर 800 क्विंटल की कमाई होती है, साथ ही इस क़िस्म की सफलता में विषाणु जनित रोग (वायरल रोग) नहीं होता है |

दिव्या क़िस्म के टमाटर: टमाटर की यह क़िस्म एक ऐसा क़िस्म है जो कि अधिक दिनों तक खसरा नहीं होती है | इसकी रूपरेखा को लगाने के बाद 70 दिनों में तैयार हो जाती है यह प्रति हेक्टेयर 400 से 500 क्विंटल का एक चक्कर वाला क़िस्म है, जो कि झुलसा और आँख के सडन जैसे रोग से मुक्त रहता है|

इसके अलावा और भी कई प्रकार के बोध हैं, जो अलग-अलग मौसम के अनुसार अलग-अलग जगहों पर उगाए जाते हैं। जैसे:- पूसा-120, अर्का सौरभ, अर्का विकास, सोनाली, पूसा हाइब्रिड-1,2,4 विनाश-2, रश्मी, शक्तिमान, रेडगोल्ड, मिरेकल और यू.एस. 440 जैसे कई अवलोकन हैं।

टमाटर के पौधों को तैयार कैसे करे | How to Prepare Tomato Plants

(Tamatar Ki Kheti) टमाटर के बीज सीधे खेत में उगाने की बजाय पहले नर्सरी में तैयार किए जाते हैं। यदि पौधे सामान्य किस्म के हैं तो उनके लिए प्रति हेक्टेयर 400 से 500 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है और यदि संकर प्रकार के हैं तो 250 से 300 ग्राम बीज ही पर्याप्त होते हैं।

टमाटर की खेती कैसे और कब करें | Tamatar Ki Kheti in Hindi

बढ़ते बीजों के लिए उचित आकार की क्यारियां तैयार करें. इसके बाद उन क्यारियों में गोबर की खाद अच्छी तरह मिला दें। कार्बोफ्यूरान की उचित मात्रा से मिट्टी का उपचार भी करें। ऐसा करने से पौधों को रोगग्रस्त होने से बचाया जा सकता है।

बीजों को उपचारित मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें, इसके बाद तैयार क्यारियों में सही समय पर सिंचाई कर दें। (Tamatar Ki Kheti) इसके बाद लगभग 25 से 30 दिनों में टमाटर के पौधे रोपने योग्य हो जाते हैं और उन्हें खेत में लगा दिया जाता है।

क्यारियों में पौधे लगाने से पहले क्यारियों में अच्छी तरह से पानी और गीलापन किया जाता है, ताकि पौधों के खराब होने की संभावना को कम किया जा सके। खेत में लगाने से पहले पौधों को कार्बेन्डाजिम या ट्राइकोडर्मा के घोल से 20 से 25 मिनट तक उपचारित करना चाहिए।

टमाटर के बीज का चयन

पेस्ट टमाटर, चेरी टमाटर, सैन मार्ज़ानो, पीला नाशपाती, अमीश पेस्ट, ब्लैक क्रीम, चेरोकी ग्रीन और नेपाल टमाटर कुछ लोकप्रिय किस्में हैं। हालांकि, इन सभी किस्मों को निर्धारित और अनिश्चित प्रकार के टमाटर में बांटा जा सकता है।

निर्धारक प्रकार के टमाटर के पौधे तब तक अंकुर उत्पन्न करते हैं जब तक बेल पर फूल नहीं खिलते, लेकिन अनिश्चित प्रकार के टमाटर फूलों के साथ अंकुर पैदा करते हैं और तब तक बढ़ते रहते हैं जब तक मौसम की स्थिति अनुकूल नहीं हो जाती।

पेस्ट या बेर टमाटर मुख्य रूप से इसकी उच्च मांस सामग्री और कम बीज वाले डिब्बों के लिए पसंद किया जाता है। हालाँकि, चेरी टमाटर सलाद, पिज्जा और पास्ता के लिए एकदम सही हैं क्योंकि वे स्वादिष्ट होते हैं। इसलिए यदि आप रसदार टमाटर की तलाश कर रहे हैं, चेरी टमाटर उगाने के लिए सबसे अच्छे हैं।

टमाटर के फल कब तोड़ने चाहिए | When should tomato fruits be plucked?

टमाटर की फसल (Tamatar Ki Kheti) बोने के 90 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। फलों को तोड़ते समय अधिक लाल फलों को अलग और सख्त फलों को अलग रखा जाता है, ताकि लाल फलों को नजदीकी बाजार में बेचने के लिए भेजा जा सके और सख्त फलों को दूर के बाजार में बेचा जा सके।

यदि आपको टमाटर की खेती Tamatar ki Kheti करनी है तो आपको उससे से संबन्धित सभी जानकरी मिलेगी और साथ ही आपको हमारी वेबसाइट पर और भी खेतियों के बारे में बताया है| पिछले लेख में हमने बताया है की आर्गेनिक खेती कैसे करते है?

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