रेशम कीट पालन की जानकारी
रेशम कीट पालन (Sericulture) एक महत्वपूर्ण और लाभकारी कृषि उद्योग है जिसमें सिल्क या रेशम कीटों को पालकर उनकी खाद्य, अवसर, और सिल्क की उत्पत्ति की जाती है। यह कृषि उद्योग विभिन्न चरणों में विभाजित होता है और यह अच्छे बाजार मूल्य प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
रेशम कीट पालन की मुख्य चरण निम्नलिखित हैं-
बाड़ चयन और तैयारी:
रेशम कीट पालन के लिए बाड़ का चयन करें जिसमें पूरी तरह से शुष्क नहीं होती है और बारिश के दौरान पानी स्थायी रूप से नहीं भरता है।
बूढ़ापन और छोटी कीटों का पालन:
छोटी कीटों का पालन तात्काल बाड़ में होता है। इन्हें पालकने के लिए आपको उचित पोषण, देखभाल, और साफ-सफाई की आवश्यकता होती है।
पैदाइश और बाड़ साफ़-सफाई:
पैदाइश की देखभाल करें और बाड़ को साफ-सफाई रखें ताकि कीटों को बीमारियों से बचाया जा सके।
सिल्क कॉकून बछाव:
सिल्क कॉकून के पैदाइश चरण में संवेदनशीलता और उचित देखभाल की आवश्यकता होती है।
कॉकून संग्रहण और बूनई:
पूरी तरह से विकसित सिल्क कॉकून को ध्तातु से अलग करें और फिर बूनाई का काम शुरू करें।
सिल्क उत्पत्ति:
सिल्क कॉकून से बने सिल्क की उत्पत्ति करें जिसके बाद आप इसे बाजार में बेच सकते हैं।
विपणि और विपणी:
अच्छे मूल्य प्राप्त करने के लिए सिल्क को अच्छे बाजारों में बेचें।
समर्थन और सरकारी योजनाएँ:
सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली किसी भी कृषि योजना या सब्सिडी का लाभ लें जो रेशम कीट पालन को बढ़ावा देती है।
रेशम कीट पालन में सफलता पाने के लिए आपको समर्थन, संवेदनशीलता, और उचित ज्ञान की आवश्यकता होती है। स्थानीय कृषि विभाग और संबंधित संगठनों से मदद और सलाह प्राप्त करना भी फायदेमंद हो सकता है।
रेशम की किस्में (Silk Strands) कई प्रकार की होती हैं, जो विभिन्न प्रजातियों की संवेदनशीलता, रंग, और उपयोगिता के आधार पर विभाजित की जा सकती हैं।
कुछ प्रमुख रेशम की किस्में हैं-
मुलबेरी सिल्क (Mulberry Silk):
मुलबेरी सिल्क सर्वाधिक प्रचलित और लाभकारी रेशम की प्रजाति है। इसे बॉम्बेक्स मोरी सिल्क भी कहा जाता है। मुलबेरी सिल्क की कीटें मुलबेरी के पेड़ों के पत्तों से खाने की प्रक्रिया में शामिल होती हैं।
टासर सिल्क (Tussar Silk):
टासर सिल्क की कीटें जंगली वन्य जीवों के पेड़ों के पत्तों से खाती हैं। यह सिल्क गहरे रंगों में होती है और उसकी चमक भी अलग होती है।
इरावत्ति सिल्क (Eri Silk):
इरावत्ति सिल्क की कीटें उबालकर बनाई जाती हैं और यह सिल्क मेन की सिल्क के साथ मिलती जुलती है, लेकिन यह सामान्यत: सड़ा और थोड़ी ग्रस्त होती है।
मेन सिल्क (Muga Silk):
मेन सिल्क असम क्षेत्र के लिए विशेष है और यह असम के एक विशेष प्रजाति की कीटें से प्राप्त की जाती है। यह सिल्क सोने की तरह चमकदार होती है।
अराइ सिल्क (Ahimsa Silk):
अराइ सिल्क एक विशेष प्रकार की सिल्क है जिसमें कीटें को किसी भी प्रकार की पीड़ा या कठिनता का सामना नहीं करना पड़ता है। इसे अहिंसा सिल्क भी कहा जाता है और यह जैन विशेषज्ञता के अनुसार उत्पन्न की जाती है।
सामान्य नाम | वैज्ञानिक नाम | मूल स्थान |
शहतूत रेशमकीट | बोम्बिक्स मोरी | चीन |
उष्णकटिबंधीय तसर रेशमकीट | एन्थीररिया माइलिट्टा | भारत |
ओक तसर रेशमकीट | एन्थीररिया प्रॉयली | भारत |
ओक तसर रेशमकीट | एन्थीररिया फ्रिथी | भारत |
ओक तसर रेशमकीट | एन्थीररिया कॉम्प्टा | भारत |
ओक तसर रेशमकीट | एन्थीररिया पेर्निल | चीन |
ओक तसर रेशमकीट | एन्थीररिया यमामाई | जापान |
मूगा रेशमकीट | एन्थीररिया असामा | भारत |
एरी रेशमकीट | फिलोसामिया रिसिनी | भारत |
रेशम कीट पालन हेतु आवश्यक चीजे-
किसी भी छोटे या बड़े स्तर पर व्यवसाय शुरू करनें के लिए उससे जुड़ी संबंधित बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है | ठीक इसी प्रकार रेशम कीट पालन हेतु आपकी किन-किन चीजों की आवश्यकता पड़ती है, यहाँ आपको हम इसके बारें में जानकारी दे रहे है, जो इस प्रकार है –
- बिजली का स्प्रेयर |
- कीट पालन स्टैंड |
- फोम पैड |
- मोम लगा हुआ पैराफिन कागज |
- नायलॉन की जाली |
- पत्ते रखने हेतु टोकरी |
- बांस के नेट्राइक या माउंटेज |
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना 2023 | ऑनलाइन हेल्पलाइन
रेशम उत्पादन व्यवसाय में इन्वेस्टमेंट-
रेशम उत्पादन व्यवसाय में निवेश करने से पहले, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास सार्वजनिक ज्ञान और कौशल है जो इस उद्योग में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण कदम हैं जो आपके रेशम उत्पादन व्यवसाय में निवेश करने में मदद कर सकते हैं।
आपकी पहली कदम उचित व्यावसायिक योजना बनाना होगा। यह योजना आपके व्यवसाय की सार्थकता, लक्ष्य, वित्तीय प्राधिकृतियाँ, बजट, और विपणि योजना का निर्धारण करेगी। रेशम की पालन के लिए उपयुक्त बाड़ का चयन करें और आवश्यक जल संसाधन और प्रसंसाधनों की व्यवस्था करें।
आपको तय करना होगा कि कौन सी सिल्क की प्रजाति का पालन करना चाहते हैं – मुलबेरी, टासर, इरावत्ति, या कोई अन्य। आपको वित्तीय योजना तैयार करनी होगी, जिसमें कीट पालन, पैदाइश, और सिल्क उत्पत्ति के लिए आवश्यक खर्च और निवेश का अनुमानित विवरण होना चाहिए। आपको कीट पालन और सिल्क उत्पत्ति के लिए सवारी का चयन करना होगा, जैसे कि बूढ़ापन और पैदाइश को अच्छी तरह से देखभाल करने के लिए।
आपको एक वित्तीय योजना तैयार करनी होगी, जिसमें निवेश, लोन की आवश्यकता, और वित्तीय लाभ का निर्धारण करें। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपका व्यवसाय लाभकारी हो सकता है और कितना लाभ आपको कितने समय में मिल सकता है। स्थानीय, राज्य, और केंद्र सरकारों द्वारा प्रदान की जाने वाली किसी भी कृषि योजना या सब्सिडी का लाभ लें जो रेशम की पालन को बढ़ावा देती है।
रेशम की पालन व्यवसाय में निवेश करने से पहले, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास सभी आवश्यक धान पूंजी, ज्ञान, और संसाधन हैं जो इस उद्योग को सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं।
रेशम कीट पालन में सरकार द्वारा प्रशिक्षण की सुविधा-
भारत सरकार और राज्य सरकारें रेशम कीट पालन के लिए प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करती हैं। इसके लिए विभिन्न कृषि विभागों और रेशम विभागों द्वारा विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह प्रशिक्षण किसानों और उनके परिवारों को रेशम पालन के उत्पादन, प्रबंधन, और विपणि की नवाचारों और योजनाओं के बारे में जागरूक करने में मदद करता है ।
यहां कुछ मुख्य प्रकार के रेशम कीट पालन के प्रशिक्षण कार्यक्रम और सुविधाएँ हैं:-
- कृषि विशेषज्ञता केंद्र राज्य सरकारों द्वारा चलाए जाते हैं और वहां रेशम पालन से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- विभिन्न कृषि विद्यापीठ और कृषि संबंधित संस्थान भी रेशम पालन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
- विभिन्न राज्यों में रेशम पालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारें विभिन्न योजनाएँ और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती हैं।
- आप अपने राज्य के कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर रेशम पालन के लिए उपलब्ध प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- भारत के विभिन्न कृषि विद्यापीठों और कृषि संबंधित संस्थानों के कृषि विज्ञान विभागों में रेशम कीट पालन से संबंधित अध्ययन और प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध होते हैं।
- रेशम कीट पालन में सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रशिक्षण सुविधाएँ किसानों को नए तरीके से रेशम पालन के क्षेत्र में प्रवेश करने में मदद करती हैं और उन्हें उनके व्यवसाय को सुधारने और बढ़ाने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करती हैं।
रेशम कीट पालन (Sericulture) कैसे करे ? सिल्क फार्मिंग की विधि | अध्ययन