कृषि बजट हाइलाइट्स 2023-2024(Krishi Budget Highlights 2023-2024)
एसोसिएशन की वित्तीय योजना 2023-24 में ग्रामीण शिक्षा और अन्वेषण सहित एग्रीबिजनेस और रैंचर्स सरकारी सहायता की सेवा के लिए मौद्रिक हिस्सा लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये होगा। इसमें रुपये की व्यवस्था शामिल है। मोदी सरकार के आक्रामक पीएम-किसान के लिए 60,000 करोड़ का प्रावधान किया जाएगा। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए कृषि अग्रिम उद्देश्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है और इस व्यय योजना में काफी अधिक घोषित किया जाएगा।
2023-24 की व्यय योजना में लोक प्राधिकरण ने बागवानी में किन महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है। एमआर सुब्रमणि, हेड, प्रोडक्ट्स और एग्रीबिजनेस, बिजनेसलाइन अधिक बताते हैं।
किसान बजट में निम्नलिखित पांच प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है:
1. कृषि उत्पादकता में वृद्धि: सरकार किसानों को उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों और बेहतर सिंचाई सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करके कृषि उत्पादकता और दक्षता में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर सकती है।
2. क्रेडिट तक पहुंच बढ़ाना: सरकार संस्थागत क्रेडिट तक आसान पहुंच प्रदान करके किसानों, विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों के लिए क्रेडिट तक पहुंच बढ़ाने की संभावना है।
3. कृषि आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना: सरकार किसानों को बेहतर बाजार पहुंच प्रदान करके कृषि आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित कर सकती है।
4. भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाओं तक पहुंच में सुधार: सरकार द्वारा किसानों को भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाओं की उपलब्धता बढ़ाने की संभावना है, ताकि वे बेहतर लाभ के लिए अपनी उपज का भंडारण और प्रसंस्करण कर सकें।
5. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार: सरकार से किसानों को सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन प्रदान करने के साथ-साथ स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और स्वच्छता जैसी आवश्यक सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करके समग्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार करने पर भी ध्यान देने की उम्मीद है।
किसान बजट भारत में कृषि उत्पादकता और आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होने की उम्मीद है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और असमानता को कम करने में भी मदद करेगा। सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है और किसान बजट इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
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2023 का बजट की डिटेल्स
एसोसिएशन मनी पादरी निर्मला सीतारमण ने सामान्य वित्तीय योजना 2023 की शुरुआत की। धन पादरी ने वर्ष 2023 की वित्तीय योजना में किसानों का विशेष ध्यान रखा है और किसानों के वेतन को बढ़ाने के कई तरीके खोजे हैं। किसान समृद्धि योजना के बाद इस साल सरकार ने कई अन्य योजनाओं को शुरू करने की घोषणा की है। सार्वजनिक प्राधिकरण ने पशु चरवाहों और मत्स्य पालन करने वालों के लिए भी कुछ कदम उठाए हैं।
सामान्य व्यय योजना के प्रवचन के दौरान मनी प्रीस्ट ने घोषणा की है कि किसानों के सहयोग से सफलता कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके जरिए 63000 एग्री सोशल ऑर्डर्स को ऑटोमेटेड किया जाएगा। इससे किसानों को समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही पशुपालन के क्षेत्र में ऋण देने की गति का विस्तार करने, मछली पालन एवं बहुउद्देश्यीय कॉर्पोरेट सामाजिक व्यवस्थाओं को उन्नत करने की घोषणा की है। साथ ही साहूकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना शुरू करने का भी निर्णय लिया है। इसके साथ ही, सार्वजनिक प्राधिकरण ने कम्प्यूटरीकृत नवाचार के माध्यम से कृषि व्यवसाय को आगे बढ़ाने का विकल्प चुना है।
पशुपालकों को उन्नत तरीके से मदद की जाएगी
खर्च योजना का परिचय देते हुए मनी पुजारी निर्मला सीतारमण ने बताया कि किसानों की मदद के लिए कंप्यूटराइज्ड पब्लिक फ्रेमवर्क बनाया जाएगा. यहां से किसानों को बागवानी से संबंधित व्यवस्था, अग्रिम, संरक्षण और फसल उत्पादन को कैसे बढ़ाया जाए, इसकी जानकारी दी जाएगी। साथ ही इस कंप्यूटराइज्ड पब्लिक फाउंडेशन की मदद से किसानों को यह भी मदद मिलेगी कि कैसे अपनी उपज को बाजार में अच्छी कीमत पर बेचा जा सकता है।
खेती से जुड़ी नई कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा
वित्तीय योजना 2023 का परिचय देते हुए, मनी प्रीस्ट ने कहा कि भारत का सार्वजनिक प्राधिकरण बागवानी क्षेत्र में नई कंपनियों को आगे बढ़ाने के लिए बेहतर संपत्ति देगा। ग्रामीण अंचलों के युवा व्यवसायियों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार हर संभव सहयोग देगी। संपत्ति की सहायता से जो सार्वजनिक प्राधिकरण कृषि व्यवसाय क्षेत्र को समायोजित करेगा, किसानों के नियमित मुद्दों का निपटारा किया जाएगा। इस संपत्ति की मदद से कृषि तकनीक उद्योग को भी आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सरकार कपास की फसल पर अधिक ध्यान देगी
वित्तीय योजना 2023 में कपास की फसल पर अधिक ध्यान दिया गया है। लोक प्राधिकरण ने कहा है कि वह एक सार्वजनिक-निजी संगठन को आकार देगा, जिसकी मदद से पशुपालक इसके निर्माण और आदान-प्रदान में मदद करेंगे। सार्वजनिक गोपनीय संगठन का तात्पर्य है कि यह एक प्रकार का संबंध होगा जो किसान, राज्य सरकार और व्यवसाय के बीच स्थापित होगा।
स्वच्छ पौधा कार्यक्रम के लिए 2200 करोड़
वित्तीय योजना का परिचय देते हुए, मनी प्रीस्ट निर्मला सीतारमण ने स्वतंत्र स्वच्छ संयंत्र कार्यक्रम का संदर्भ दिया और उन्होंने इसके लिए 2,200 करोड़ रुपये की घोषणा की। स्वच्छ पौधा कार्यक्रम का अर्थ है ऐसे खेतों में फसल उगाना जो बिना बीमारी के हों और जिनके पौधों से उच्च गुणवत्ता वाले अनाज का उत्पादन होता हो।
भारत बाजरा के लिए विश्वव्यापी केंद्र बन जाएगा
वित्तीय योजना का परिचय देते हुए, मनी प्रीस्ट ने कहा कि भारत ग्रह पर बाजरा का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। हम विभिन्न प्रकार के ‘श्री अन्ना’ का उत्पादन करते हैं। इनमें ज्वार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कंगनी, कुटकी, कोदो, छिना और समा शामिल हैं। मोटे अनाज की यह बड़ी संख्या हमारे स्वास्थ्य के लिए असाधारण रूप से सहायक है। पशुपालक श्री अन्ना की डिलीवरी कर लोगों की सेहत पर काम कर रहे हैं। मिलेट एक्सप्लोरेशन, हैदराबाद की भारतीय स्थापना श्री अन्ना के मुद्दे में भारत को विश्वव्यापी केंद्र बिंदु बनाने में असाधारण सहायता करेगी। यह संस्था बाजरा से जुड़े परीक्षण नवाचार को वैश्विक स्तर पर और उसकी उन्नत निर्माण रणनीतियों को बताती रही है।
मत्स्य पालन के लिए 6000 करोड़
वित्तीय योजना 2023 का परिचय देते हुए, मनी पास्टर निर्मला सीतारमण ने मछली की खेती में भाग लेने वाले किसानों को ‘पीएम मत्स्य संपदा योजना’ के तहत लाभ की घोषणा की। इसके तहत, 6000 करोड़ रुपये की राशि का वितरण किया गया है, जिसका उपयोग मछली की खेती और बिक्री में भाग लेने वाले छोटे डीलरों की मदद के लिए किया जाएगा। भारत के सार्वजनिक प्राधिकरण को विश्व स्तर पर मछली की खेती के क्षेत्र को विकसित करने की आवश्यकता है।
सहकारी समितियों के माध्यम से पशुपालकों की मदद करना
सार्वजनिक प्राधिकरण को छोटे किसानों के लिए सहायक आधारित मौद्रिक ढांचे को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इन किसानों की मदद के लिए सरकार स्वेच्छा से ‘सहरकार से समृद्धि’ योजना चला रही है। इसके लिए लोक प्राधिकरण ने 2516 करोड़ रुपये खर्च कर 63000 कृषि सामाजिक व्यवस्थाओं का आधुनिकीकरण किया है।
नियमित खेती की उन्नति
सामान्य खेती को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार एक करोड़ किसानों को नियमित खेती के लिए समर्थन देगी। यह काम आने वाले 3 साल में पूरा हो जाएगा। साथ ही 10000 बायो इन्फॉर्मेशन एक्सप्लोरेशन सेंटर भी रखे जाएंगे।
पि. एम्. किसान सम्मान निधि योजना
भारत सरकार का प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि केंद्रीय क्षेत्र कार्यक्रम किसानों और उनके परिवारों को आय सहायता प्रदान करता है। तेलंगाना सरकार ने सबसे पहले पीएम-किसान कार्यक्रम को रायथु बंधु कार्यक्रम के रूप में संचालित किया, जिसने पात्र किसानों को सीधे एक विशिष्ट राशि दी। आखिरकार, 1 फरवरी, 2019 को, पीयूष गोयल ने भारत के 2019 के अंतरिम केंद्रीय बजट के दौरान इस कार्यक्रम के रोलआउट को एक राष्ट्रीय परियोजना के रूप में घोषित किया। 24 फरवरी, 2019 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पीएम-किसान कार्यक्रम की शुरुआत की। सभी छोटे और सीमांत किसानों को इस कार्यक्रम के तहत रुपये की राशि में आय सहायता प्राप्त होगी। तीन किस्तों में 6,000 सालाना, जो उनके बैंक खातों में डाले जाएंगे। इस योजना के लिए कुल वार्षिक व्यय 75,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है जिसे केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।