बत्तख पालन

बत्तख पालन कैसे करें? इससे मिलने वाली लोन स्कीम ।

बत्तख पालन की पूरी जानकारी:

बत्तख पालन अर्थात डक फार्मिंग (Duck Farming) पोल्ट्री फार्मिंग सिस्टम है। यदि हम बत्तख पालन की बात करे, तो भारत में मुर्गी के बाद बत्तख पालन के बाद इसी का नंबर आता है | बत्तखपालन करनें वाले लोगो को उनके अंडे और मांस से अच्छी आय प्राप्त होती है | यहाँ तक कि बत्तख पालन में मुर्गी पालन की अपेक्षा लागत काफी कम लगती है|

बत्तख को हम एक जलीय जीव कहते है, और इसी वजह से कुछ लोगो का मानना है, कि बत्तख का पालन तभी कियज सकता है, जब उनके लिए किसी पोखर या तालाब में पानी की समुचित व्यवस्था हो | लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि आप बत्तख पालन पानी की व्यवस्था बिना किये भी कर सकते है | आप इसे अपने घर के अन्दर या किसी छप्पर के नीचे बड़ी आसानी से पालन कर सकते है |

कुल मिलाकर आप मुर्गी पालन की तर्ज परबत्तख पालन कर सकते है | यहाँ सबसे अधिक ध्यान देने वाली बात यह है, कि यदि आप बत्तख पालन किस ऐसे स्थान पर कर रहे है, जहाँ पानी बिल्कुल भी नही है, तो ऐसी स्थित में बतखों द्वारा दिए गए अंडो में गर्भ धारण करनें की क्षमता विकसित नही होती है | इसलिए यदि आप उनके अंडो से बत्तख पालन करना चाहते है, तो पानी की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।

बत्तख पालन करना एक रोजगार करने का उत्कृष्ट तरीका हो सकता है, लेकिन यह सही ढंग से और जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए। यहाँ कुछ आपकी मदद करने वाले निर्देश हैं जो आपको बत्तख पालन की शुरुआत करने में मदद कर सकते हैं:

बत्तख पालन

1. अच्छी जानकारी प्राप्त करें:

बत्तख पालन के लिए पहले तो आपको इसके बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। आप स्थानीय पशुपालन कार्यालय या विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं।

2. उपयुक्त स्थान चुनें:

बत्तखों के लिए एक उचित और सुरक्षित स्थान चुनें जहाँ पानी की सुविधा हो और वे सुरक्षित रह सकें।

3. सही खाद्य पदार्थ प्रदान करें:

आपको उचित और पूरी तरह से पोषण देने वाला खाद्य पदार्थ जैसे कि अंकुरित अनाज, धान, मछली की खाल, आदि प्रदान करना चाहिए।

4. स्वास्थ्य सेवा:

आपको अपनी बत्तखों की अच्छी सेहत की खास ध्यान रखनी चाहिए। अनियमितता या बीमारियों की सूचना के लिए स्थानीय पशुपालन विशेषज्ञ से संपर्क करें।

5. बच्चों की देखभाल:

अगर आप बत्तखों को बच्चों के साथ पाल रहे हैं, तो उन्हें उचित देखभाल, खाद्य, और आवास प्रदान करें।

6. वैक्सीनेशन और आवास:

अपनी बत्तखों का समय-समय पर टीकाकरण कराएं और उनके लिए उचित आवास उपलब्ध कराएं।

7. बाजार में बेचाई जाने वाली संभावना:

आपको बत्तखों को पालने से पहले यह भी सोचना चाहिए कि आप उन्हें बाजार में कैसे बेच सकते हैं जिससे आपका निवेश वापस मिल सके।

8. किसान या पशुपालन विभाग से सहायता प्राप्त करें:

स्थानीय किसान या पशुपालन विभाग से सहायता प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। वह आपको सही तरीके से पालन, आहार और स्वास्थ्य सेवा की जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

बत्तख पालन में सफलता प्राप्त करने के लिए, सही जानकारी, प्रशासनिक क्षमता, और उद्यमिता की आवश्यकता होती है। आपको इसे एक व्यवसाय के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे गंधर्व संरक्षण और विकास के एक साथ कार्य करने का तरीका मानना चाहिए।

बत्तख पालन

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बत्तख पालन से लाभ: 

बत्तख पालन से कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं, लेकिन ये लाभ व्यक्ति की आवश्यकताओं, स्थानीय शर्तों, और उद्देश्यों पर निर्भर करते हैं। निम्नलिखित कुछ लाभ हो सकते हैं:

खाद्य स्रोत:

बत्तखों से जूटी और अंडे प्राप्त करना संभव है, जो एक सार्वजनिक खाद्य स्रोत के रूप में काम कर सकता है।

अत्यधिक वायरमी की नियंत्रण:

बत्तख पालन आपके पशुपालन क्षेत्र में अत्यधिक वायरमी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, क्योंकि वे कीटों, कीटाणुओं, और कीट-मिटें खाने में सहायक होते हैं।

पानी शोधन:

बत्तख वाले पानी को शोध सकते हैं, जिससे यह पीने योग्य हो सकता है और कृषि के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

किसानों के आय में वृद्धि:

बत्तख पालन किसानों के आय को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, क्योंकि उन्हें बत्तखों से अंडे और बत्तखों के मांस की आपूर्ति होती है।

किसानों के लिए साथी बनावट:

बत्तख पालन किसानों के लिए साथी बनावट भी प्रदान कर सकता है, क्योंकि यह वायरमी को नियंत्रण में मदद कर सकता है और अत्यधिक खेतों की देखभाल के लिए काम में आ सकता है।

शिक्षा और अनुसंधान:

बत्तख पालन से शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी लाभ हो सकता है, क्योंकि इसके माध्यम से नए प्रौद्योगिकी और पशुपालन विधियों का अध्ययन किया जा सकता है।

पर्यावरणीय संरक्षण:

बत्तखों का पालन पानी के स्रोत की सुरक्षा और पर्यावरणीय संरक्षण के लिए भी मदद कर सकता है, क्योंकि यह संवेदनशीलता को बढ़ावा देता है और वृक्षारोपण और जल संरक्षण के कार्यक्रमों का हिस्सा बन सकता है।

रोजगार का स्रोत:

बत्तख पालन एक व्यवसाय के रूप में भी काम कर सकता है और रोजगार का स्रोत बना सकता है, खासतर ग्रामीण क्षेत्रों में।

यदि आप बत्तख पालन की ओर अग्रसर हैं, तो आपको यह ध्यान देना चाहिए कि आप उद्देश्यों और शर्तों के साथ इस व्यापार में कड़ी लगन के साथ जुड़े रहे।

बत्तख पालन के लिए लोन स्कीम:

बत्तख पोल्ट्री फार्म खोलनें के लिए सरकार नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि व विकास ग्रामीण बैंक) के माध्यम से व्यवसाय के लिए ऋण के साथ-साथ सब्सिडी भी उपलब्ध कराती हैं | इसके अलावा विभिन्न बैंकों द्वारा भी ऋण प्रदान किया जाता है | इसका विवरण इस प्रकार है-

बत्तख पोल्ट्री फार्म के लिए लोन पर सरकार 25 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करती हैं |
सामान्य और ओबीसी वर्ग अंतर्गत आने वाले लोगो को लिए लोन पर 25 प्रतिशत तक सब्सिडी होती हैं|

एससी और एसटी वर्ग सम्बंधित व्यक्तियों के लिए सब्सिडी राशि 35 निर्धारित की गयी है |

भारतीय स्टेट बैंक द्वारा बत्तख पोल्ट्री लोन (Duck Poultry Loan by SBI)
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक द्वारा पोल्ट्री लोन दिया जाता हैं ।

इससे सम्बंधित जानकरी इस प्रकार है-

ब्याज दर 10.75% से शुरू
ऋण का प्रकार कृषि अवधि ऋण
ऋण की राशि 10 लाख रुपये तक
ऋण चुकाने की अवधि 3 से 5 वर्ष
जमानत के रूप में अनिवार्य नही
प्रोसेसिंग फीस 50 हजार से अधिक पर 0.50 प्रतिशत

बत्तख पालन

बत्तख पालन कैसे करें ? बत्तख पालन के लिए लोन स्कीम | बत्तख पालन के बारे में जानकारी

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