बादाम की खेती | Almond cultivation
बादाम की खेती(Almond cultivation)बादाम को मेवा फल के रूप में प्रयोग किया जाता है, इसका पेड़ बड़े आकार का होता है जिसमे लाल और सफ़ेद रंग के सुगन्धित फूल निकलते है | यह पेड़ पर्वतीय क्षेत्रों में उगते है, इस पेड़ के तने मोटे,पत्ते लम्बे चौड़े और मुलायम होते है | बादाम को एक बहुत ही ताकतवर और ज्ञान वर्धक फल के रूप में भी माना गया है| इसका इस्तेमाल खाने और पिने की कई तरह की चीज़ो में किया जाता है | व्यापारिक रूप से आदान प्रदान में भी इसका उपयोग किया जाता है |
(Almond cultivation)बादाम से तेल भी निकाला जाता है, जिसे खाने और आयुर्वेदिक प्रयोगों में लाया जाता है | बादाम का सेवन कर कई तरह की बीमारियों को भगाने के लिए किया जाता है | बादाम के फल में अंदर उजले भाग को मिगी कहते है | बादाम के पेड़ एशिया में ईरान, ईराक, मक्का, मदीना, मस्कट, शीराज जैसे देशो में खूब उपजाया जाता है | आज हम आपको इस लेख में बादाम की खेती के बारे में बताने जा रहे है, कैसे की जाती है, कितनी मुनाफा होती है, क्या मौसम और जलवायु लगता है, कौन से मिटटी उपयुक्त होता है।
बादाम की खेती करने का तरीका (Almond Cultivation)
(Almond cultivation)बादाम का पेड़ भी अन्य पेड़ो की तरह ही सामान्य रूप में ही दिखाई देता है | किन्तु इसका पेड़ एक बार लगाने के बाद लगभग 51 वर्षो तक पैदावार देता है | बादाम की खेती को आद्र उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले क्षेत्रों में किया जाता है | इसके पौधों के लिए अधिक बारिश की जरुरत नहीं होती है | बादाम की खेती में भूमि का P.H. मान नॉरमल होना चाहिए|
बादाम की खेती(Almond cultivation) मिट्टी,जलवायु और तापमान
(Almond cultivation)इसकी खेती के लिए खास मिट्टी होनी चाहिए, जिसमे कार्बनिक पदार्थ भरपूर मात्रा में हो तथा अच्छी जल निकासी और उपजाऊ भी हो | जल भराव वाली भूमि में इसकी खेत करना संभव नहीं है, क्यूंकि इससे पौधों में रोग लगने का डर बना रहता है, जिससे उपजाऊ भी कम हो जाती है | बादाम की खेती में भूमि का P.H. मान 5 से 7 के मध्य होना चाहिए |
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बादाम की खेती में आद्र उष्णकटिबंधीय जलवायु को उत्तम माना जाता है | भारत में बादाम के पेड़ो को कश्मीर जैसे ठन्डे राज्यों में उपजाया जाता है | इसके पौधे और फल दोनों ही ठंडी जलवायु में अच्छे से विकसित होते है| परन्तु सर्दियों के मौसम में पड़ने वाली धुंद और पाला इसके पौधों और फलो के लिए जहर के सामान होता है| इसके पौधों को अच्छे से वृद्धि करने के लिए वर्ष में 81 से 100 सेंटीमीटर वर्षा की आवश्यकता होती है |
पौधों के अंकुरित होने के लिए 21 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है, तथा अच्छे से विकास करने के लिए अधिकतम 26 डिग्री तापमान को उपयुक्त माना जाता है | बादाम के पौधे फूल खिलने के दौरान 3 डिग्री तापमान को भी सहन कर सकते है,किन्तु अधिक समय तक इस तापमान में रहने पर फूल ख़राब होने लगते है|
(Almond cultivation) बादाम कई तरह की किस्मे (Varieties of Almonds)
(Almond cultivation)बादाम के पेड़ में भी कई तरह की किस्मे मौजूद होती है, इन किस्मो को अधिक पैदावार देने के लिए तैयार किया गया है | यह सभी किस्मे पैदावार और मौसम के हिसाब से अलग-अलग श्रेणियों में रखी गयी है:-
(Almond cultivation)कैलिफोर्निया किस्म के बादाम:- यह एक विदेशी बादाम की किस्में है तथा बादाम की यह किस्म अमेरिकी बादाम के नाम से भी जानी जाती है | पौधों की यह किस्म अधिक फसल देती है | इसमें बादाम अन्य किस्मो की तुलना में ज्यादा तेजी से पकना शुरू करते है | इसमें गुठली से निकलने वाले बादाम गिरी स्वाद में मीठे गुणवत्ता में भी बढ़िया होते है |
(Almond cultivation)मामरा किस्म के बादाम:- बादाम की इस किस्म को खासकर अफगानिस्तान में उगाया जाता है | यह किस्म अमेरिकी बादाम से थोड़ा कम फसल देती है|
(Almond cultivation)नीप्लस अल्ट्रा किस्म के बादाम:- नीप्लस अल्ट्रा किस्म के बादाम अगेती श्रेणी की सबसे अधिक पैदावार देने के लिए तैयार की गयी है | किन्तु इसके वृक्षों को सर्दियों में पड़ने वाले पाले से ज्यादा हानि पहुँचती है | जिस कारण इसकी पैदावार भी ज्यादा नहीं होती है | यदि पाले से इसकी फसल को बचा लिया जाये तो यह काफी अच्छी फसल दे सकती है | यह किस्म नॉन पेरिल प्रजाति के लिए परागकर्ता का भी काम करती है |
(Almond cultivation)नॉन पेरिल किस्म के बादाम:- बादाम की इस किस्म को सबसे अधिक उपजाया जाता है | यह ओजपूर्ण पौधे होते है जो कि कम दूरी में अधिक फैलते है | इसकी गुठली में मिलने वाले फलो का अनुपात 1:0.67 होता है | इसमें फल भूरे रंग के और पौधे स्वनिषेचित होते है | इसमें निषेचन क्रिया के लिए निप्लस अल्ट्रा किस्म के पौधे उत्तरदायी होते है |
(Almond cultivation)फेसिओनेलो किस्म के बादाम:- इस किस्म में बादाम के पौधे ज्यादा ऊंचाई तक जाते है तथा पौधों में फल बराबर रूप से लगते है | पौधों के अधिक लम्बे होने के बावजूद इसकी पैदावार सामान्य होती है |
पियरलेस किस्म के बादाम;- पौधों की इस किस्म को पाले के प्रकोप का ज्यादा खतरा होता है | इस किस्म में फल का छिलका थोड़ा मोटा होता है, जिसमे अंदर पायी जाने वाली गिरी का रंग हल्का भूरा होता है |
सामान्य बादाम:- क्रिस्टोमोरटो, वेस्ता, मरकोना आदि सामान्य किस्म के बादाम कहलाते है।
बादाम की पछेती किस्मे:- पछेती प्रजाति की किस्मों में पौधों पर फल ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं | इसमें जेंको, टेक्सास जैसी किस्मे उपजायी जाती है |
(Almond cultivation)फलो की तुड़ाई पैदावार और लाभ
(Almond cultivation)बादाम के फलो को उनके पूरी तरह से पक जाने के बाद पतझड़ के मौसम तोड़ लिया जाता है | इसके पौधे 6 से 8 वर्ष बाद पूरी तरह से फल देना शुरू कर देते है | इसमें फल फूल लगने के 9 महीने के बाद पककर तैयार हो जाते है | बादाम की गुठलियों का रंग जब हरे से पीले में परिवर्तित हो जाये तब वह गुठलिया ज्यादा समय तक न तोड़ने पर अपने आप टूटकर नीचे बिखेड़ जाती है |
(Almond cultivation)फलो को तोड़ने के बाद उन्हें छायादार स्थानों पर सूखा लिया जाता है | गुठलियों के सूख जाने के बाद उन्हें तोड़कर बादाम की गिरी को निकाल लिया जाता है |
(Almond cultivation)बादाम की फसल कर किसान भाई काफी अच्छी लाभ कर सकते है बादाम का बाजारी भाव 650 से 800 तक होता है। इसके अतिरिक्त इसके पेड़ 50 -60 वर्षो तक पैदावार भी देती है इसलिए इन्हे बार – बार लगाना भी नहीं पड़ता है और लम्बे समय तक प्रॉफिट देता रहता है।
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